Sri Dakshinamurthy Ashtottara Shatanamavali Hindi
१. | ओं विद्यारूपिणे नमः |
२. | ओं महायोगिने नमः |
३. | ओं शुद्धज्ञानिने नमः |
४. | ओं पिनाकधृते नमः |
५. | ओं रत्नालङ्कृतसर्वाङ्गाय नमः |
६. | ओं रत्नमालिने नमः |
७. | ओं जटाधराय नमः |
८. | ओं गङ्गाधारिणे नमः |
९. | ओं अचलावासिने नमः |
१०. | ओं सर्वज्ञानिने नमः |
११. | ओं समाधिधृते नमः |
१२. | ओं अप्रमेयाय नमः |
१३. | ओं योगनिधये नमः |
१४. | ओं तारकाय नमः |
१५. | ओं भक्तवत्सलाय नमः |
१६. | ओं ब्रह्मरूपिणे नमः |
१७. | ओं जगद्व्यापिने नमः |
१८. | ओं विष्णुमूर्तये नमः |
१९. | ओं पुरान्तकाय नमः |
२०. | ओं उक्षवाहाय नमः |
२१. | ओं चर्मवाससे नमः |
२२. | ओं पीताम्बरविभूषणाय नमः |
२३. | ओं मोक्षसिद्धये नमः |
२४. | ओं मोक्षदायिने नमः |
२५. | ओं दानवारये नमः |
२६. | ओं जगत्पतये नमः |
२७. | ओं विद्याधारिणे नमः |
२८. | ओं शुक्लतनवे नमः |
२९. | ओं विद्यादायिने नमः |
३०. | ओं गणाधिपाय नमः |
३१. | ओं पापापस्मृतिसंहर्त्रे नमः |
३२. | ओं शशिमौलये नमः |
३३. | ओं महास्वनाय नमः |
३४. | ओं सामप्रियाय नमः |
३५. | ओं स्वयं साधवे नमः |
३६. | ओं सर्वदेवैर्नमस्कृताय नमः |
३७. | ओं हस्तवह्निधराय नमः |
३८. | ओं श्रीमते नमः |
३९. | ओं मृगधारिणे नमः |
४०. | ओं शङ्कराय नमः |
४१. | ओं यज्ञनाथाय नमः |
४२. | ओं क्रतुध्वंसिने नमः |
४३. | ओं यज्ञभोक्त्रे नमः |
४४. | ओं यमान्तकाय नमः |
४५. | ओं भक्तानुग्रहमूर्तये नमः |
४६. | ओं भक्तसेव्याय नमः |
४७. | ओं वृषध्वजाय नमः |
४८. | ओं भस्मोद्धूलितसर्वाङ्गाय नमः |
४९. | ओं अक्षमालाधराय नमः |
५०. | ओं महते नमः |
५१. | ओं त्रयीमूर्तये नमः |
५२. | ओं परस्मै ब्रह्मणे नमः |
५३. | ओं नागराजैरलङ्कृताय नमः |
५४. | ओं शान्तरूपाय नमः |
५५. | ओं महाज्ञानिने नमः |
५६. | ओं सर्वलोकविभूषणाय नमः |
५७. | ओं अर्धनारीश्वराय नमः |
५८. | ओं देवाय नमः |
५९. | ओं मुनिसेव्याय नमः |
६०. | ओं सुरोत्तमाय नमः |
६१. | ओं व्याख्यानदेवाय नमः |
६२. | ओं भगवते नमः |
६३. | ओं अग्निचन्द्रार्कलोचनाय नमः |
६४. | ओं जगत्स्रष्ट्रे नमः |
६५. | ओं जगद्गोप्त्रे नमः |
६६. | ओं जगद्ध्वंसिने नमः |
६७. | ओं त्रिलोचनाय नमः |
६८. | ओं जगद्गुरवे नमः |
६९. | ओं महादेवाय नमः |
७०. | ओं महानन्दपरायणाय नमः |
७१. | ओं जटाधारिणे नमः |
७२. | ओं महावीराय नमः |
७३. | ओं ज्ञानदेवैरलङ्कृताय नमः |
७४. | ओं व्योमगङ्गाजलस्नाताय नमः |
७५. | ओं सिद्धसङ्घसमर्चिताय नमः |
७६. | ओं तत्त्वमूर्तये नमः |
७७. | ओं महायोगिने नमः |
७८. | ओं महासारस्वतप्रदाय नमः |
७९. | ओं व्योममूर्तये नमः |
८०. | ओं भक्तानामिष्टकामफलप्रदाय नमः |
८१. | ओं वीरमूर्तये नमः |
८२. | ओं विरूपिणे नमः |
८३. | ओं तेजोमूर्तये नमः |
८४. | ओं अनामयाय नमः |
८५. | ओं वेदवेदाङ्गतत्त्वज्ञाय नमः |
८६. | ओं चतुष्षष्टिकलानिधये नमः |
८७. | ओं भवरोगभयध्वंसिने नमः |
८८. | ओं भक्तानामभयप्रदाय नमः |
८९. | ओं नीलग्रीवाय नमः |
९०. | ओं ललाटाक्षाय नमः |
९१. | ओं गजचर्मणे नमः |
९२. | ओं ज्ञानदाय नमः |
९३. | ओं अरोगिणे नमः |
९४. | ओं कामदहनाय नमः |
९५. | ओं तपस्विने नमः |
९६. | ओं विष्णुवल्लभाय नमः |
९७. | ओं ब्रह्मचारिणे नमः |
९८. | ओं संन्यासिने नमः |
९९. | ओं गृहस्थाश्रमकारणाय नमः |
१००. | ओं दान्तशमवतां श्रेष्ठाय नमः |
१०१. | ओं सत्त्वरूपदयानिधये नमः |
१०२. | ओं योगपट्टाभिरामाय नमः |
१०३. | ओं वीणाधारिणे नमः |
१०४. | ओं विचेतनाय नमः |
१०५. | ओं मन्त्रप्रज्ञानुगाचाराय नमः |
१०६. | ओं मुद्रापुस्तकधारकाय नमः |
१०७. | ओं रागहिक्कादिरोगाणां विनिहन्त्रे नमः |
१०८. | ओं सुरेश्वराय नमः |
इति श्री दक्षिणामूर्त्यष्टोत्तर शतनामावलिः सम्पूर्णा